अधिकांश मरीज एक या दोनों पैरों की एड़ियों में दर्द की शिकायत लेकर आते हैं।  दर्द भी ऐसा जो थोड़ी देर बैठने अथवा चलने के बाद गायब हो जाता हैं ,  लेकिन कुछ देर तक कहीं बैठने अथवा आराम कर लेने के बाद पुनः दर्द शुरू हो जाता हैं।  शुरू में तो थोड़ा चलने पर आराम मिल जाता है, लेकिन समय रहते इलाज नहीं कराएँ तो स्थिति गंभीर भी हो जाती है।

एड़ी का दर्द जो अक्सर महिलाओं को सुबह बिस्तर से उठते ही परेशान करता हैं।  इसकी वजह सख्त फर्श और सख्त तले के जूते, चप्पल, हो सकती हैं।  पहले जमाने के घर के फर्श मिट्टी के होते थे।  उन पर गोबर से लिपाई होती थी।  तब उन पर नंगे पैर चलने में भी कोई तकलीफ नहीं होती थी।  अब सख्त फर्श का जमाना हैं।  इससे पंजे और एड़ी की हड्डियों तथा माँसपेशियों पर विपरीत असर पड़ता हैं ।

कुछ आसान इलाज

1 ) गुनगुने और ठंडे पानी से पैरों की सिकाई -:

आपको केवल इतना करना हैं, कि आप दो टब ले लें एक टब में गुनगुना पानी भर लें और दूसरे टब में ठंडा पानी भर लें। सबसे पहले आप 2 मिनट तक पैरों को गुनगुने पानी में डुबो कर रखें, फिर गुनगुने पानी से पैरों को निकाल कर ठंडे पानी में 2 मिनट तक पैरों को डुबो कर रखें। इसी प्रकार से  आप 15 मिनट तक पैरों की सिकाई करते रहें । आपको दिन में दो या तीन बार पैरों की सिकाई करनी होगी। एड़ी के दर्द में जल्द आराम होगा।

2) घास पर नंगे पैर चलना -:

अगर आपको पैरों में सूजन या एड़ी दर्द जैसी कोई भी समस्या हैं।  तो घास पर 10-15 मिनट जरूर चलें। नंगे पांव घास पर चलने से आपकी यह प्रॉब्लम दूर हो जाएगी। 

3) जूतों तथा चप्पल में बदलाव -:

 जूतों तथा चप्पल में ऐसा बदलाव जिससे दर्द वाली जगह पर कम से कम दबाव पड़े और घर्षण भी न्यूनतम रहे।  स्कूप्ड हील पैड्स,  साफ्ट कुशंड स्पंजी शू सोल अंदर से लगाए जाते हैं। बाजार में सिलिकॉन के बने शू इंसर्ट भी मिलते हैं।  पैरों के तले को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए जो कर सकते हैं वो करें। फर्श पर नंगे पैर चलने से बचें। घर में हमेशा नर्म स्पंजी चप्पल पहनें। खेलकूद के वक्त हमेशा स्पोर्ट्स शूज पहनें।

 

 

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