गाय की रीढ़ में स्थित सूर्यकेतु नाड़ी सर्वरोगनाशक, सर्वविषनाशक होती हैं । सूर्यकेतु नाड़ी सूर्य के संपर्क में आने पर स्वर्ण का उत्पादन करती हैं। जिससे गाय के दूध , मूत्र , और गोबर में स्वर्ण तत्व समा जाते हैं। यह स्वर्ण दूध या मूत्र पीने से शरीर में जाता है, और गोबर के माध्यम से खेतों में। कई रोगियों को स्वर्ण भस्म भी दिया जाता है। वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि गाय में जितनी सकारात्मक ऊर्जा होती हैं। उतनी किसी अन्य प्राणी में नहीं हैं ।
वैज्ञानिकों के अनुसार गाय के दूध में लगभग 8 प्रकार के प्रोटीन, 6 प्रकार के विटामिन, 21 प्रकार के एमिनो एसिड, 11 प्रकार के चर्बीयुक्त एसिड, 25 प्रकार के मिनरल तत्व, 16 प्रकार के नाइट्रोजन, 4 प्रकार के फास्फोरस, इसके अलावा मुख्य मिनरल जैसे कॉपर, आयरन, कैल्शियम, आयोडीन, फ्लोरिन, सिलिकॉन आदि भी पाये जाते हैं। जो किसी अन्य पशु के दूध में नहीं होता हैं। इसके अलावा गाय के दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन हृदय रोग तथा डायबिटीज से लड़ने में कारगर हैं।
गाय के दूध के फायदे
- बच्चों में रिकेट्स या सूखा रोग हो जाने पर गाय के दूध का इस्तेमाल बादाम के साथ करने पर यह दवा की तरह कार्य करता हैं ।
- गाय के दूध में पाया जाने वाला पीला पदार्थ कैरोटीन होता हैं। जो आंखों की रौशनी बढ़ाता हैं।
पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी होने पर गाय कर दूध पीना बेहद कारगर उपाय है। गाय का दूध वीर्य का गाढ़ा कर शुक्राणुओं की संख्या में वृद्धि करता हैं , और बल प्रदान करता हैं ।
देशी गाय का दूध पीने से कैंसर रोग से बचा जा सकता हैं। अगर आप देशी गाय का दूध पीते हैं, तो आपको कभी भी कैंसर का रोग नहीं होगा।
- एक गिलास दूध में एक चम्मच देशी घी तथा तीन चम्मच शहद मिलाकर नित्य रात को दो माह तक पियें। बुढ़ापा शीघ्र नहीं आयेगा। शक्ति के साथ और सौंदर्य में वृद्धि होती रहेगी।
पीलिया में गाय के दूध से बनी 50 ग्राम दही में 10 ग्राम हल्दी मिलाकर रोज सुबह खाली पेट खाने से आराम मिलता हैं।
गाय के दूध में एक ऐसी खासियत हैं , जो HIV जैसी जानलेवा बीमारी से भी इंसान की रक्षा करता हैं । एक शोध से बात सामने आई हैं , कि गाय के दूध को आसानी से एक ऐसी क्रीम में बदला जा सकता हैं। जो HIV or AIDS जैसी जानलेवा बीमारी से इंसान की रक्षा कर सकता हैं ।
बच्चों के दिमागी विकास के लिए गाय का दूध बहुत अधिक लाभदायक माना जाता है।
पंचगव्य द्वारा शरीर की रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाकर रोगों को दूर किया जाता हैं । ( पंचगव्य का निर्माण- गाय के दूध, दही, घी, मूत्र, गोबर द्वारा किया जाता हैं । ) पंचगव्य से गुजरात के बलसाड़ नामक स्थान के निकट कैंसर अस्पताल में 3 हजार से अधिक कैंसर रोगियों का इलाज हो चुका हैं ।
"गौ मूत्र" के फायदे
- जोड़ों का दर्द – जोड़ों में दर्द होने पर गोमूत्र का प्रयोग दो तरीकों से किया जा सकता हैं । इनमें से पहला तरीका हैं , दर्द वाले स्थान पर गोमूत्र से सेंक करें। और सर्दी में जोड़ों का दर्द होने पर 1 ग्राम सोंठ के चूर्ण के साथ गोमूत्र का सेवन करें।
- मोटापा – गोमूत्र के माध्यम से आप मोटापे पर आसानी से नियंत्रण पा सकते हैं। आधे गिलास ताजे पानी में 4 चम्मच गोमूत्र, 2 चम्मच शहद तथा 1 चम्मच नींबू का रस मिलाकर नित्य सेवन करें।
- हृदयरोग – 4 चम्मच गोमूत्र का सुबह-शाम सेवन करना हृदय रोगियों के लिए लाभकारी होता हैं ।
पीलिया – 200-250 मिली गोमूत्र 15 दिन तक पिएं।
गले का कैंसर – 100 मिली गोमूत्र तथा सुपारी के बराबर गाय का गोबर दोनों को मिलाकर स्वच्छ बर्तन में छान लें। सुबह नित्य कर्म से निवृत्त होकर निराहार 6 माह तक प्रयोग करें।
1 वर्ष से कम की बछिया का मूत्र सर्वोत्तम है।